अब काश्तकार खुद करेंगे अपनी फसल की गिरदावरी  जाने केसे होगी गिरदावरी

राजस्व विभाग ने किसान गिरदावरी ऐप, राजस्व अधिकारी ऐप एवं जन आधार खाता ऐप किए तैयार

अब काश्तकार खुद करेंगे अपनी फसल की गिरदावरी  जाने केसे होगी गिरदावरी

अब काश्तकार खुद करेंगे अपनी फसल की गिरदावरी  जाने केसे होगी गिरदावरी

राजस्व विभाग ने किसान गिरदावरी ऐप, राजस्व अधिकारी ऐप एवं जन आधार खाता ऐप किए तैयार

किसानों को समय पर प्राप्त होंगे फसल से संबंधित सरकारी परिलाभ 

नागौर टुडे @ जायल

रिपोर्ट रमेश जाजडा

राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत अब राजस्थान में काश्तकार स्वयं अपने खेत में फसल की गिरदावरी करेंगे। राजस्थान में पहली बार यह लागू होने जा रहा है। जिस तरह इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जिम्मेदारी आम पब्लिक की होती हैं उसी तरह फसल की गिरदावरी करने की जिम्मेदारी भी अब काश्तकार की स्वयं की होगी। भू-अभिलेख निरीक्षक (डीआईएलआरएमपी) कपिल देव शर्मा ने बताया की इस कार्य के लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्व मंडल अजमेर एवं भू-प्रबंध आयुक्त (नोडल अधिकारी,   डीआईएलआरएमपी), भू-प्रबंध विभाग, जयपुर, के द्वारा  सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (DOIT&C) के माध्यम से तीन प्रकार के मोबाईल ऐप तैयार करवाये गए है तथा तीनो ही ऐप प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।  उन्होंने बताया कि पहला ऐप  किसान गिरदावरी ऐप है जो काश्तकारों के लिए है। जिसको काश्तकार द्वारा अपने मोबाईल में डाउनलोड कर काश्तकार को अपने जनआधार से लॉगिन करना होगा। जिसमें आधार से जुड़े मोबाईल नम्बर पर ओटीपी आएगा, उस ओटीपी से वेरिफाई होने के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा।  भू अभिलेख निरीक्षक कपिल देव शर्मा ने बताया कि उसके बाद काश्तकार को  फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना होगा एवं जिसके बाद ऊपर की एक साईड में जनाधार से जुड़ खसरे का ऑप्शन आएगा एवं दूसरी साईड में खसरा सर्च करने का ऑप्शन आएगा। इन दोनों ऑप्शन में से खसरा सर्च करें पर क्लिक करने पर  एक सिम्पल पेज खुलेगा, जिसमे काश्तकार को अपना जिला, तहसील एवं गांव सलेक्ट करना होगा। उसके बाद अपने खेत का खसरा अंकित करते हुए आगे बढ़ना होगा। खसरा सर्च करने के बाद गिरदावरी सीजन एवं उसके बाद  उसके द्वारा खेत में जो फसल बोई है उस के आधार पर ऐप में फसल सलेक्ट करनी होगा, उस के बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्रोत, अगर फलदार पेड़ है तो उनकी संख्या आदि सलेक्ट कर आगे बढ़ते हुए खेत-खसरे में जो फसल बोई गयी है उसकी साफ-सुथरी फोटो अपलोड करनी होगी। उसके बाद नीचे प्रिंट प्रिव्यू ऑप्शन दिखेगा, उस पर क्लिक करने के बाद  सबमिट का ऑप्शन मिलेगा, उस सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करने पर काश्तकार द्वारा बोई गई फसल की गिरदावरी सबमिट होगी एवं पंजीकरण संख्या प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि सभी काश्तकार सबमिट करने से पहले भली भांति देखले की गिरदावरी से सबंधित विवरण सही है या नहीं। क्योंकि गिरदावरी एक बार सबमिट करने के बाद काश्तकार उस गिरदावरी में किसी प्रकार का एडिट नहीं कर पायेगा। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए की जो फसल बो रखी है उसी अनुसार फसल गिरदावरी करते समय फसल सलेक्ट करें, अन्यथा विभाग स्तर पर गिरदावरी जांच कार्य मे गलत फसल पाए जाने पर फसल से सबंधित मुआवजा इत्यादि समस्त परिलाभ प्राप्त नहीं होंगे।  उन्होंने बताया कि काश्तकारों को यह भी ध्यान रखना है कि एक ही खसरे में एक से अधिक फसल है तो एक से अधिक फसल का भी विवरण अंकित करने के बाद ही गिरदावरी सबमिट करें अन्यथा एक फसल की गिरदावरी सबमिट किये जाने के बाद दुबारा उस खसरे की बकाया फसल की गिरदावरी नहीं कर पाएंगे। 
भू अभिलेख निरीक्षक शर्मा ने बताया कि इस गिरदावरी कार्य मे मुख्य बात यह भी होगी की यह प्रक्रिया काश्तकार को अपने खेत में उपस्थित रहकर  करनी होगी। क्योंकि जियो टैग के आधार पर यह कार्य होगा, जिसके कारण यह कार्य सबंधित खसरे में खड़ा होकर या लगभग 50-60 फिट परिधि में रहकर ही करना होगा। 
उन्होंने बताया कि गिरदावरी करते समय यह भी ध्यान रखना है कि एक ही खसरे में एक से अधिक फसल है तो वास्तव में जहाँ-जहाँ जो-जो फसल है, उस फसल की अलग अलग स्थान से फोटो  लेकर अपलोड करनी होगी। अगर एक ही स्थान की फोटो अपलोड करेंगे तो प्रिंट प्रिव्यू के बाद गिरदावरी सबमिट करने सबंधी आगे की कार्यवाही सम्भव नही होगी।  भू अभिलेख निरीक्षक ने बताया कि फसल खराबा दर्ज करने का क्षेत्राधिकार पटवारी स्तर का रहेगा। काश्तकारों को  किसान गिरदावरी ऐप  के सबंध में किसी प्रकार की जानकारी के लिए अपने गांव के पटवारी के सपंर्क में रहना होगा। साथ ही  काश्तकारों द्वारा किया जाने वाला गिरदावरी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कर लिया जाए अन्यथा निर्धारित समय के बाद ऐप पर गिरदावरी करना सम्भव नहीं होगा। 
भू अभिलेख निरीक्षक शर्मा ने किसान गिरदावरी ऐप के बारे जानकारी देते हुए बताया कि काश्तकार द्वारा गिरदावरी सबमिट करने के बाद उस गिरदावरी को प्रमाणित करने का काम पटवारी,भू अभिलेख निरीक्षक तथा तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। भू अभिलेख निरीक्षक कपिल देव शर्मा ने बताया कि गिरदावरी को प्रमाणित करने के लिए भी एक राजस्व अधिकारी ऐप बनाया गया। इस ऐप के द्वारा पटवारी अपनी एसएसओ आईडी (SSO ID) से ऐप को लॉगिन कर जो गिरदावरी काश्तकार ने सबमिट की है उसको प्रमाणित करेंगे।  इसके पश्चात लैंड रिकार्ड रूल्स अनुसार  भू अभिलेख निरीक्षक व तहसीलदार द्वारा भी निर्धारित नियमानुसार अनुसार गांव के खसरो की जांच कर अंतिम रूप से सबमिट करना होगा। उन्होंने बताया कि इस ऐप के द्वारा पटवारी गिरदावरी को प्रमाणित करने का कार्य करेंगे एवं यदि काश्तकारों के खसरो में फसल खराबा हुआ है तो खराबा दर्ज करने का कार्य पटवारी द्वारा इसी ऐप से किया जायेगा। साथ ही सरकारी खसरो की गिरदावरी भी पटवारी द्वारा इसी ऐप के माध्यम से की जाएगी। 
भू अभिलेख निरीक्षक शर्मा ने बताया कि काश्तकार को गिरदावरी करने में आसानी रहे, इस के लिए तीसरा  जनआधार सिडिंग ऐप  बनाया गया है जिसके माध्यम से काश्तकार अपना जनआधार पटवारी को उपलब्ध करवाएंगे तथा पटवारी उस जनआधार को काश्तकार के खेत के खसरो से लिंक करेंगे। जिससे यह लाभ होगा कि काश्तकार के खेत का खसरा जनआधार से लिंक हो जाएगा । जैसे ही काश्तकार किसान गिरदावरी ऐप को लॉगिन करेगा, उस को जनाधार से जुड़ खसरे ऑप्शन से गिरदावरी करने का ऑप्शन मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि जो किसान व काश्तकार अपने खेत की गिरदावरी करना चाहते हैं परंतु अपने खेत के खसरो की संख्या की जानकारी नही है तो भी सभी खसरे उस को एक साथ ऐप में स्वतः मिल जाएंगे ताकि किसान को गिरदावरी कार्य मे अनावश्यक परेशान नही होना पड़े।
 इस दौरान जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि नागौर जिले के समस्त काश्तकार किसान ऐप का अधिक से अधिक उपयोग कर अपनी फसल की गिरदावरी खुद करें, ताकि पटवारी पर निर्भरता कम हो तथा काश्तकार को वास्तविक फसल के आधार पर हुई फसल गिरदावरी की भी संतुष्टि  मिल सके। जिला कलेक्टर ने बताया कि वर्तमान में खरीफ गिरदावरी का समय भी प्रारम्भ हो गया  हैं, लेकिन इस समय प्रदेश के समस्त पटवारी पेनडाऊन हड़ताल पर चल रहे हैं। जिससे  गिरदावरी का कार्य प्रभावित हो रहा है तथा गिरदावरी नहीं होने से काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए राज्य सरकार की यह नई स्कीम अत्यधिक कारगर है, जिसके माध्यम से काश्तकार स्वयं गिरदावरी कर सके तथा काश्तकारों  को गिरदावरी के अभाव में फसल से सबंधित किसी भी प्रकार के सरकारी  परिलाभ से वंचित नही होना पड़े।
प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख कलक्ट्रेट डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बताया है कि काश्तकार अपने जनआधार नबंर पटवारी को उपलब्ध करवाकर जनआधार सिडिंग कार्य अविम्ब पूर्ण करवाये। साथ ही काश्तकारों से यह भी अपील की है कि काश्तकार किसान ऐप का अधिक से अधिक उपयोग कर अपनी फसल  की स्वयं गिरदावरी करें। 
अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने  बताया है कि किसान गिरदावरी ऐप से काश्तकारों के स्वयं के द्वारा गिरदावरी किये जाने से वास्तविक फसल की गिरदावरी करना सम्भव हो जाएगा। जिससे   काश्तकारों को यह भी शिकायत नहीं रहेगी कि पटवारी ने घर बैठे हर कुछ ही फसल अंकित कर दी इत्यादि। इस स्कीम से काश्तकारों को एक नया अधिकार भी मिला है कि फसल भी किसान बोए एवं उसकी गिरदावरी भी स्वयं किसान कर सके। इस लिए निर्धारित समय सीमा में काश्तकार इस ऐप के माध्यम से गिरदावरी कार्य समय पर करें।